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作词 : 无
作曲 : 萨顶顶
编曲 : 黄毅 萨顶顶
制作人 : 萨顶顶 高晓松
梵文词:取自佛经《百字明咒》
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व हूं
作曲 : 萨顶顶
编曲 : 黄毅 萨顶顶
制作人 : 萨顶顶 高晓松
梵文词:取自佛经《百字明咒》
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व हूं
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[00:00.000] 作词 : 无 [00:01.000] 作曲 : 萨顶顶 [00:02.000] 编曲 : 黄毅 萨顶顶 [00:03.000] 制作人 : 萨顶顶 高晓松 [00:28.72]梵文词:取自佛经《百字明咒》 [00:31.89] [00:35.02] [00:46.00]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय। [00:52.22]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव। [00:58.64]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव। [01:04.86]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ। [01:11.30]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [01:17.54]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [01:23.84]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [01:30.14]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [01:37.89] [01:49.18]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय। [01:55.26]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव। [02:01.65]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव। [02:07.92]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ। [02:14.38]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [02:20.68]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [02:26.94]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [02:33.13]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [02:39.80]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [02:46.13]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [02:52.14]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [02:58.37]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [03:05.72] [03:28.64]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [03:34.69]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [03:40.98]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [03:47.43]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [03:55.45] [03:57.10]ॐ वज्रसत्त्व हूं