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作词 : 无
作曲 : 无
后期:考研会成功的小边边
图源:微博
翻唱:蛇-神圣之光-大力
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व हूं
作曲 : 无
后期:考研会成功的小边边
图源:微博
翻唱:蛇-神圣之光-大力
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय।
वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव।
सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव।
अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ।
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं
कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं
सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च।
वज्रि भव महासमय सत्त्व आः
ॐ वज्रसत्त्व हूं
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[00:00.000] 作词 : 无 [00:01.000] 作曲 : 无 [00:23.430]后期:考研会成功的小边边 [00:25.927]图源:微博 [00:28.677]翻唱:蛇-神圣之光-大力 [00:35.177]- [00:46.185]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय। [00:52.432]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव। [00:58.677]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव। [01:05.178]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ। [01:11.426]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [01:17.682]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [01:23.930]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [01:30.175]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [01:38.174]- [01:49.181]ॐ वज्रसत्त्व समय मनुपालय। [01:55.682]वज्रसत्त्वत्वेनोपतिष्ठ। दृढो मे भव। [02:01.929]सुतोष्यो मे भव। सुपोष्यो मे भव। [02:08.174]अनुरक्तो मे भव। सर्वसिद्धिं मे प्रयच्छ। [02:14.433]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [02:20.679]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [02:27.179]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [02:33.428]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [02:39.684]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [02:46.185]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [02:52.432]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [02:58.678]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [03:06.677]- [03:28.935]सर्वकर्मसु च मे। चित्तं श्रियं [03:37.176]कुरु हूं। ह ह ह ह होः। भगवं [03:41.427]सर्वतथागत वज्र मा मे मुञ्च। [03:47.682]वज्रि भव महासमय सत्त्व आः [03:56.182]- [03:57.180]ॐ वज्रसत्त्व हूं